पुरुषों के लिए चुनावी मैदान में उतरती है ये पार्टी, क्या है इस पार्टी का संविधान,हर पुरुष अत्याचारी नहीं, हर महिला बेचारी नहीं,

मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल (MARD) पार्टी ने पहले सात अलग-अलग चुनावों में चुनाव लड़ा है – 2019 में वाराणसी और लखनऊ में लोकसभा चुनाव, 2020 में बांगरमऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव, 2022 में बरेली, लखनऊ उत्तर, बख्शी का तालाब (लखनऊ) और चौरी चौरा सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ा है.

बाकी राजनीतिक दलों से हटकर मेरा अधिकार राष्ट्रीय दल (MARD) पार्टी के लिए चुनाव जीतना या हारना कोई मायने नहीं रखता, ये पार्टी सिर्फ ‘मर्द’ की आवाज बनने और पुरुषों के सम्मान की रक्षा के लिए चुनावी मैदान में कूदी है. (MARD) ने 2018 में गठन के बाद से अब तक जिन सभी सीटों पर चुनाव लड़ा है, उन सभी पर उसकी जमानत जब्त हो गई है, लेकिन उसके नेताओं का कहना है कि वो चुनावी हार से परेशान नहीं हैं.

पार्टी ने देश में चल रहे लोकसभा चुनावों के लिए अपना ‘घोषणापत्र’ जारी किया है. घोषणापत्र का नारा है “बेटों के सम्मान में, मर्द उतरे मैदान में.” MARD पार्टी ने पहले सात अलग-अलग चुनावों में चुनाव लड़ा है – 2019 में वाराणसी और लखनऊ में लोकसभा चुनाव, 2020 में बांगरमऊ विधानसभा सीट पर उपचुनाव, 2022 में बरेली, लखनऊ उत्तर, बख्शी का तालाब (लखनऊ) और चौरी चौरा सीटों पर विधानसभा चुनाव लड़ा है.

MARD पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव आशुतोष कुमार पांडे ने कहा, “हम पुरुषों के सम्मान में, महिला सुरक्षा के नाम पर प्रताड़ित और शोषित लोगों के लिए आवाज उठाने के लिए मैदान में उतरे हैं. जीत और हार हमारे लिए कोई मायने नहीं रखती.” जब उनसे इस बार चुनाव लड़ रहे उनकी पार्टी के उम्मीदवारों की जीत को लेकर सवाल पूछा गया, तो उन्होंने स्पष्ट रूप से स्वीकार किया, “इस बार भी, वो अपनी जमानत खो सकते हैं.” पांडे ने कहा, “हमारे पास बहुत सारे संसाधन नहीं हैं और हम चंदा भी नहीं लेते हैं, हमारे उम्मीदवार अपने खर्च पर चुनाव लड़ते हैं, चुनाव लड़ने का फायदा यह है कि अब ज्यादातर पार्टियां पुरुषों के मुद्दों को उठाने के लिए आगे आ रही हैं.

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